वर्ष 1992 में स्थापित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज बाजार पूंजीकरण के आधार पर भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है I शेरवानी कंपनी के सिफारिश पर नवंबर 1992 में एक पब्लिक कंपनी के रूप में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का स्थापना किया गया था I इस पोस्ट में आगे जानेंगे की आखिर (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है ? भारत में पूरी तरह से स्वचालित व्यापार और इलेक्ट्रॉनिक तकनीक लाने वाला स्टॉक एक्सचेंज था I NSE द्वारा लाये गए इलेक्ट्रॉनिक तकनीक ने भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग सिस्टम को हि बदल कर रख दिया I
वर्ष 1992 से पहले भारतीय शेयर बाजार में शेयरों की खरीद बिक्री कागजों के द्वारा लिखित होता था लेकिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के स्थापना के बाद सब कुछ ऑनलाइन हो गया I अब निवेशक किसी भी टर्मिनल पर जाकर पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत माध्यम से शेयर खरीद बिक्री कर सकते हैं I किसी एक शेयर का मूल्य NSE के सभी टर्मिनल पर सामान होते है I शेयर बाजार के कम्प्यूटरीकृत होने से निवेशकों के हितों की रक्षा हो सकी और शेयर बाजार में होने वाले SCAM पर भी रोक लगी I
NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है जिसमे शेयर , बांड , डिवेंचर , तथा और भी सिक्योरिटी सूचीबद्ध हैं I NSE का मुख्यालय मुंबई में स्थित है I NSE में भारत के 1500 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं I यदि बात करें NSE की तो यह विश्व की सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के लिस्ट में 11 स्थान पर आता है जबकि भारत की आर्थिक पूंजी के मामले में बहुत ही बड़ा योगदान है I
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है ?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा संस्थान है जो शेयरों और अन्य संबंधित वित्तीय उपकरणों के खरीद और विक्रय के लिए एक मंच प्रदान करता है। इसमें संबंधित वित्तीय संस्थाओं, बैंकों और व्यापारिक संस्थाओं को स्टॉक मार्केट द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार शेयरों और अन्य वित्तीय उपकरणों की खरीद और विक्रय करने का अधिकार होता है।
इसके द्वारा शेयरों के मूल्य की निर्धारणा की जाती है जो शेयर बाजार के व्यापार के द्वारा होती है। इसके अलावा, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की जिम्मेदारी शेयरों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने, नियमों और विनियमों का पालन करने, निवेशकों के हितों को संरक्षित करने और संबंधित तथ्यों को दर्ज करने के लिए होती है। भारत में दो प्रमुख राष्ट्रीय स्तर के स्टॉक एक्सचेंज होते हैं: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
Nifty-50 क्या है ?
NSE का बेंचमार्क इंडेक्स (सूचकांक) निफ़्टी है I जिसके अंतर्गत NSE में सूचीबद्ध टॉप 50 कंपनी को ही शामिल किया जाता है I निफ़्टी 50 में शामिल कंपनियों के परफॉरमेंस के आधार पर ही NSE में तेजी और मंदी के बारे में पता लगाया जाता है I यदि निफ़्टी में तेजी होता है तो NSE में भी तेजी होती है और यदि निफ़्टी में मंदी होता है तो NSE में भी मंदी होती है I अतः NSE में तेजी और मंदी निफ़्टी के ऊपर निर्भर करता है I
निफ़्टी 50 स्टॉक का चयन कैसे होता है ?
निफ़्टी 50 में शामिल होने के लिए किसी भी कंपनी को सबसे पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड होना पड़ता है I NSE में लिस्ट होने वाली कंपनी को प्राइवेट से पब्लिक होना पड़ता है I NSE में लिस्ट होने वाली कंपनी को फ्यूचर एंड ऑप्शन के सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए भी उपलब्ध होना बहुत जरुरी होता है I
निफ़्टी 50 के अंदर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कम्पनयों के रैंकिंग में टॉप 50 कंपनी को ही रखा जाता है और यह कंपनियों की रैंकिंग मार्किट पूंजीकरण ( market capitalization ) के आधार पर होता है I इसके अलावा कुछ और भी नियम व शर्ते होते हैं जैसे की : यूनिवर्स ऑफ़ कम्पनीज , बेसिक कंस्ट्रक्ट , लिक्विडिटी रूल्स , रिबैलेन्सिंग और कंस्टीटूशन रूल्स इत्यादि I
FAQs :-
1. निफ़्टी 50 कितना रिटर्न देता है ?
उत्तर :- निफ़्टी 50 का स्थापना नवंबर 1996 में हुआ था I 1996 के बाद से निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स ने निफ़्टी 50 के 12.2% की तुलना में 17.2% का वार्षिक रिटर्न दिया है I यह प्रतिवर्ष 5% का पर्याप्त रिटर्न दे रहा है I
2. निफ़्टी 50 का मतलब क्या होता है ?
उत्तर :- निफ़्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख शेयरों का सूचकांक है I निफ़्टी दो शब्दों को मिलकर बना है नेशनल और फिफ्टी (national and fifty) I निफ़्टी शब्द नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सर्वोच्च 50 शेयरों पर आधारित है I
3. निफ़्टी 50 कैसे काम करता है ?
उत्तर :-निफ़्टी 50 सूचकाँको की गणना फ्लोट समायोजित और बाजार पूंजीकरण भारित पद्धति के आधार पर की जाती है I इस पद्धति में सूचकांक का स्तर विशिष्ट आधार अवधी में सूचकांक में मौजूद शेयरों के कुल बाजार मूल्य को प्रदर्शित करता है I
4. निफ़्टी 50 के लिए कौन सी टाइम फ्रेम बेस्ट है ?
उत्तर :- शेयर बाजार के लिए एक से दो घंटे खुले रहने का समय इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा समय है ,हालांकि अधिकाँश स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग चैनल भारत में सुबह 9:15 बजे से खुलते है I
5. क्या हम निफ़्टी में पैसा लगा सकते हैं ?
उत्तर :- स्टॉक ट्रेडिंग – आप निफ़्टी स्क्रिप्ट खरीद सकते है I जो निफ़्टी में निवेश सबसे सरल और सीधा तरीका है I यह विभिन सूचीबद्ध कंपनियों के इक्विटी शेयर
खरीदने के बराबर है I जब आप स्टॉक के मालिक बन जाते हैं तो आप सूचकांक के विभिन्न मूल्य संचालनों से लाभ उठा सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप पूंजीगत लाभ होता है I
6. निफ़्टी में ट्रेड करने के लिए कितना मार्जिन चाहिए ?
उत्तर :- आम तौर पर निफ़्टी का मार्जिन 12 से 15 % के बीच में होता है I जबकि किसी किसी स्टॉक का मार्जिन 40 से 50 % के बीच भि हो सकता है I
7. निफ़्टी को कैसे समझे ?
उत्तर :- निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया का बहुत महत्वपूर्ण बेंचमार्क होता है I यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड 50 प्रमुख शेयरों का सूचकांक होता है I यह देश का 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर नजर रखता है और इसमें सिर्फ वही 50 कंपनी के शेयरों को देखा जा सकता है जो की लिस्टेड हैं I
8. निफ़्टी फिफ्टी में कितने शेयर होते हैं ?
उत्तर :- निफ़्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख शेयरों का सूचकांक है I निफ़्टी फिफ्टी के अंतर्गत वैसे कंपनी आते हैं जो मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से टॉप 50 के अंदर आते हैं I
9. क्या आपको निफ़्टी फिफ्टी में निवेश करना चाहिए ?
उत्तर :- निफ़्टी फिफ्टी इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण के मामले में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल है I इसलिए निफ़्टी 50 ETF में निवेश एक निवेशक के लिए शेयरों और क्षेत्रों में उत्कृष्ट विविधीकरण प्रदान करता है क्योंकि यह सूचकांक को दोहराता है I इसलिए किसी भी निवेशक को निफ़्टी फिफ्टी में निवेश करना चाहिए I
10. निफ़्टी कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर :- निफ़्टी में देश की कुल 50 कंपनियों को इंडेक्स किया जाता है I इन कंपनियों का चुनाव देश के 12 अलग अलग सेक्टर से किया जाता है I जैसे बैंकिंग सेक्टर के लिए निफ़्टी बैंक , IT सेक्टर के लिए NIFTY IT इत्यादि I